योग चिकित्सा
योग जीवन जीने की कला है , एक जीवन पद्धति हैI योग के अभ्यास से सामाजिक तथा व्यक्तिगत आचरण में सुधार आता है। योग के अभ्यास से मनोदैहिक विकारों/व्याधियों की रोकथाम, शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की बढोतरी होतो है ।योगिक अभ्यास से बुद्धि तथा स्मरण शक्ति बढती है तथा ध्यान का अभ्यास, मानसिक संवेगों मे स्थिरता लाता है तथा शरीर के मर्मस्थलों के कार्यो को असामान्य करने से रोकता है । अध्ययन से देखा गया है कि ध्यान न केवल इन्द्रियों को संयमित करता है, बल्कि तंत्रिका तंत्र को भी नियंमित करता है।
सूर्य नमस्कार Surya Namaskār
Submitted by yogbharati on Sat, 09/04/2021 - 18:34सूर्य नमस्कार कई आसनों के योग से बना एक पॉवरफुल योगासन है. सूर्य नमस्कार ऐसा योग है जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है. पर सूर्य नमस्कार को करने का सही तरीका बहुत कम लोग जानते हैं.
प्रणाम आसन: इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पंजे जोड़कर अपने आसन मैट के किनारे पर खड़े हो जाएं. फिर दोनों हाथों को कंधे के समान्तर उठाएं और पूरा वजन दोनों पैरों पर समान रूप से डालें. दोनों हथेलियों के पृष्ठभाग एक दूसरे से चिपकाए रहें और नमस्कार की मुद्रा में खड़े हो जाएं.