योग चिकित्सा

योग जीवन जीने की कला है , एक जीवन पद्धति हैI योग के अभ्यास से सामाजिक तथा व्यक्तिगत आचरण में सुधार आता है। योग के अभ्यास से मनोदैहिक विकारों/व्याधियों की रोकथाम, शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की बढोतरी होतो है ।योगिक अभ्यास से बुद्धि तथा स्मरण शक्ति बढती है तथा ध्यान का अभ्यास, मानसिक संवेगों मे स्थिरता लाता है तथा शरीर के मर्मस्थलों के कार्यो को असामान्य करने से रोकता है । अध्ययन से देखा गया है कि ध्यान न केवल इन्द्रियों को संयमित करता है, बल्कि तंत्रिका तंत्र को भी नियंमित करता है।

योग द्वारा थायराइड का उपचार

 योग द्वारा थायराइड का उपचार

 योग द्वारा थायराइड का उपचार

देशभर में थायराइड जैसे गंभीर बीमारी से कई लोग जूझ रहे हैं जो इन योग  के जरिए अपनी वीमारी को  दूर कर सकते हैं।योग करने के कई फायदे होते हैं इस बात से आप परिचित होंगे। योग कई तरह के रोगों को भी दूर करता है और आपको स्वस्थ रखता है लेकिन अगर आप किसी एक खास रोग से जूझ रहे हैं तो उसके लिए आपको कौन से योगा आसन करने चाहिए इसकी जानकारी आपको शायद ही हो। देशभर में थायराइड जैसे गंभीर बीमारी से कई लोग जूझ रहे हैं। कई तरह की दवाइयां खाकर भी अगर आपके थायराइड पर कोई असर नहीं पड़ा है तो आप इन योगा आसन के जरिए अपनी यह परेशानी दूर कर सकते हैं

ज्ञान मुद्रा और उसके लाभ

ज्ञान मुद्रा  और उसके लाभ

अंगूठे एवं तर्जनी अंगुली के स्पर्श से जो मुद्रा बनती है उसे ज्ञान मुद्रा कहते हैं |
विधि :

 

1. पदमासन या सुखासन में बैठ जाएँ |
2. अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रख लें तथा अंगूठे के पास वाली अंगुली (तर्जनी) के उपर के पोर को अंगूठे के ऊपर वाले पोर से स्पर्श कराएँ |
3. हाँथ की बाकि अंगुलिया सीधी व एक साथ मिलाकर रखें |

सावधानियां :

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