योग चिकित्सा

योग जीवन जीने की कला है , एक जीवन पद्धति हैI योग के अभ्यास से सामाजिक तथा व्यक्तिगत आचरण में सुधार आता है। योग के अभ्यास से मनोदैहिक विकारों/व्याधियों की रोकथाम, शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की बढोतरी होतो है ।योगिक अभ्यास से बुद्धि तथा स्मरण शक्ति बढती है तथा ध्यान का अभ्यास, मानसिक संवेगों मे स्थिरता लाता है तथा शरीर के मर्मस्थलों के कार्यो को असामान्य करने से रोकता है । अध्ययन से देखा गया है कि ध्यान न केवल इन्द्रियों को संयमित करता है, बल्कि तंत्रिका तंत्र को भी नियंमित करता है।

योगाभ्यास के नियम

योगाभ्यास के नियम

             योग साधारण कसरत से बहुत ही अलग होता है। योग को कसरत या व्यायाम कहना गलत है, क्योंकि योग का मुख्य उद्देश्य मांसपेशियों को मजबूत करना नहीं होता है, बल्कि इसका उद्देश्य तनाव और अन्य शारीरिक समस्याओं आदि को दूर करना होता है। योग करने के लिए आपको आत्मविश्वास और इसके साथ ही कुछ नियम और अनुशासन का निरन्तर पालन करने की आवश्यकता होती है। योग-अभ्यास को जारी भी रखना आवश्यक होता है।

थाइरोइड और उससे होने वाले विकार 

हाइपो थाइरोइड (निष्क्रिय थाइरोइड)
Hypothyroidism (underactive thyroid)
हाइपर थाइरोइड (अतिसक्रिय थाइरोइड)
Hyperthyroidism (overactive thyroid)

हाइपो थाइरोइड के लक्षण  Symptoms of Hypothyroidism)

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